गर्मी क्यों बढ़ रही है?
पिछले कुछ सालों में गर्मी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, प्रदूषण और शहरीकरण के कारण तापमान में वृद्धि हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, गर्मी के मौसम में लू (हीटवेव) की समस्या अधिक गंभीर होती जा रही है।
वैश्विक तापमान वृद्धि (1850 के बाद से)
अधिक बार-बार हीटवेव (पिछले 50 वर्षों में)
अधिक तीव्र हीटवेव (भारत में)
गर्मी से बचाव के उपाय
इन सरल उपायों को अपनाकर आप अपने परिवार और समुदाय को गर्मी के प्रभाव से बचा सकते हैं:
पानी का पर्याप्त सेवन
दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं, भले ही प्यास न लगे। नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी जैसे पेय लें।
सही कपड़ों का चुनाव
हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनें। सिर को ढकने के लिए टोपी या छाता का प्रयोग करें।
समय का ध्यान रखें
दोपहर 11 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में निकलने से बचें। जरूरी काम सुबह या शाम को निपटाएं।
घर को ठंडा रखें
दिन में पर्दे बंद रखें, रात को खिड़कियां खोलें। पंखे/कूलर का उपयोग करें और पेड़-पौधे लगाएं।
आपातकालीन स्थिति में क्या करें?
यदि कोई बेहोश हो जाए या तेज बुखार हो, तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएं। व्यक्ति को ठंडी जगह ले जाएं और शरीर पर ठंडे पानी के छींटे मारें।
समुदाय की मदद करें
पड़ोस में रहने वाले बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों की विशेष देखभाल करें। सार्वजनिक स्थानों पर पीने के पानी की व्यवस्था करें।
गर्मी से होने वाली समस्याएं और उनके लक्षण
1. डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण)
लक्षण: चक्कर आना, कमजोरी, सूखा मुंह, पेशाब कम आना, गहरे रंग का पेशाब
बचाव: नियमित पानी पीते रहें, तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं
2. हीट एक्जॉशन (गर्मी से थकावट)
लक्षण: अधिक पसीना आना, पीली त्वचा, मांसपेशियों में ऐंठन, मतली या उल्टी
बचाव: ठंडी जगह पर आराम करें, तरल पदार्थ लें, ढीले कपड़े पहनें
3. हीट स्ट्रोक (लू लगना)
लक्षण: शरीर का तापमान 40°C से अधिक, तेज सिरदर्द, भ्रम की स्थिति, बेहोशी
बचाव: यह आपातकालीन स्थिति है, तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें
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